सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) के माध्यम से कोच्चि और लक्षद्वीप द्वीपों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने की परियोजना को 09.12.2020 को मंजूरी दी गई थी। इस परियोजना में कवारती के द्वीप और लक्षद्वीप के दस अन्य द्वीप शामिल हैं, जैसे, कल्पेनी, अगत्ती, अमिनी, एंड्रोथ, मिनिकॉय, बंगाराम, बित्रा, चेतलाट, किलटन और कदमत। इस परियोजना को मई 2023 तक यानी 15.08.2020 को माननीय प्रधान मंत्री द्वारा घोषणा की तारीख से 1000 दिनों के भीतर लागू करने का लक्ष्य है।

कुल वित्तीय निहितार्थ लगभग 1072 करोड़ रुपये (करों को छोड़कर) है, जिसमें यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन (यूएसओ) फंड द्वारा वित्त पोषित 837 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय और रुपये का परिचालन व्यय शामिल है। 5 वर्षों के लिए 235 करोड़ लक्षद्वीप द्वीप समूह के गृह मंत्रालय / केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) प्रशासन द्वारा वित्त पोषित किया जाना है। कैबिनेट की मंजूरी के अनुसार, 18.12.2020 को जारी पत्र के अनुसार, भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को परियोजना निष्पादन एजेंसी के रूप में नामित किया गया था और दूरसंचार सलाहकार इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) को परियोजना के तकनीकी सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था।

केबल लैंडिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) द्वारा सिविल और इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का काम प्रगति पर है। इस परियोजना के मई 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।

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